क्या आपने कभी सोचा है कि एक होशियार स्टूडेंट, जो साइंस कॉम्पिटिशन जीतता हो और जिसे दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल कंपनीज़ करोड़ों की सैलरी ऑफर करें, वह सबकुछ छोड़कर एक खतरनाक मिशन के पीछे क्यों भागेगा?
ये कहानी है टॉम नाम के एक जीनियस लड़के की, जिसकी जिंदगी अचानक ही एक हाई-टेक और हाई-रिस्क मिशन में तब्दील हो जाती है। टॉम ने अपने स्कूल के दिनों में ही “मेक्सिकन ऑयल स्पिल” जैसी भयानक समस्या का सॉल्यूशन खोज निकाला था। इसी वजह से उसकी गिनती दुनियाभर के टॉप टैलेंट्स में होने लगी थी। कॉलेज खत्म होने से पहले ही 8 बड़ी ऑयल कंपनीज़ ने उसे मोटी सैलरी पर नौकरी का ऑफर दिया था।
लेकिन टॉम ने इन ऑफर्स को ठुकराकर एक रहस्यमयी आदमी वाल्टर मोरलैंड का ऑफर एक्सेप्ट कर लिया। उसका टास्क था – दुनिया की सबसे सुरक्षित तिजोरी को खोलना। ये तिजोरी स्पेन के एक बैंक में थी, जिसे पिछले 80 सालों से कोई नहीं तोड़ पाया था।
वाल्टर की टीम और मिशन की शुरुआत
वाल्टर ने टॉम को अपनी टीम से मिलवाया जिसमें लोरेन (उसकी बेटी), क्लाउज (हैकर), जेम्स (फाइटर), और साइमन (सप्लाई एक्सपर्ट) शामिल थे। मिशन था – स्पेन के समुद्र में डूबे एक जहाज़ से निकले खजाने के बॉक्स को बैंक ऑफ स्पेन की तिजोरी से चुराना। पर मुसीबत ये थी कि स्पेनिश सरकार ने उस खजाने को जब्त करके बैंक की तिजोरी में बंद कर दिया था।
बैंक ऑफ स्पेन को दुनिया की सबसे सुरक्षित बिल्डिंग माना जाता है। यहां हजारों सेंसर, कैमरे और सामने ही स्पेनिश आर्मी का हेडक्वार्टर मौजूद है। सिक्योरिटी चीफ भी काउंटर टेररिज्म का एक्स कमांडर है। यानी गलती की कोई गुंजाइश नहीं थी।
पहले टॉम की मदद से टीम ने बैंक का एक कोड हासिल किया जो सिस्टम एक्सेस के लिए जरूरी था। इसके बाद टीम ने बैंक के नक्शे, सिक्योरिटी सिस्टम और तिजोरी की बनावट को समझना शुरू किया।
तिजोरी में घुसने के लिए दो चाबियां और सिक्योरिटी चीफ के फिंगरप्रिंट्स चाहिए थे। टीम ने सफाई कर्मचारी और इंश्योरेंस एजेंट बनकर बैंक में एंट्री ली। लॉरेन बैंक ऑफ़ स्पेन में एक पेंटिंग आर्टिस्ट बनकर गई थी जिसे एक कॉफी का गिलास चीफ को पकड़ा दिया जिससे की चीफ के फिंगरप्रिंट उस कॉफी के गिलास पर आ गए और ऐसे में उसने फिंगरप्रिंट्स ले लिए और जो एक चाबी थी वह इस पेंटिंग के पीछे थी तो उसने वहां से चाबी चुरा ली और उसके लिए एक नकली चाबी बना ली।
तो ऐसे चालाकी से फिंगरप्रिंट्स लिए और क्लाउज ने कैमरा हैक कर लिया ताकि चाबियों की कॉपी की जा सके।
वहीं टॉम ने सफाई कर्मचारी के भेष में तिजोरी के नीचे स्कैनिंग की, जिससे उन्हें पता चला कि ये तिजोरी एक तराजू के ऊपर बनी है और जैसे ही इसका वज़न बदलेगा, ये अपने आप लॉक हो जाएगी और पानी भर जाएगा।
तराजू को चकमा देने की तरकीब
अब मिशन की सबसे बड़ी चुनौती थी – तिजोरी का वज़न बैलेंस रखना। टॉम ने दिन-रात मेहनत करके यह प्लान बनाया कि लिक्विड नाइट्रोजन से तराजू को जमा दिया जाए, ताकि उसका वजन स्थिर रहे। टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल मैच के दिन इस मिशन को अंजाम देने का फैसला किया क्योंकि उस दिन पूरा देश टीवी और सड़कों पर व्यस्त रहता।
जिपलाइन से बैंक की छत पर पहुंचे, पाइपिंग और सीढ़ियों से तिजोरी तक पहुंचे, दो चाबियों और फिंगरप्रिंट से तिजोरी खोली और बॉक्स निकाल लिया। मगर तभी असली ट्विस्ट आया – जेम्स जो टीम का हिस्सा था, असल में एक अंडरकवर एजेंट था और वो टीम से धोखा करके बॉक्स लेकर भाग गया।
बचाव और बड़ा खुलासा
जैसे ही तिजोरी का तराजू फिर एक्टिव हुआ, अंदर पानी भरने लगा और टॉम व लोरेन फंस गए। तब टॉम ने एक और कमाल दिखाया – उसने तराजू पर और भार डलवाकर मशीन को धोखा दिया और पानी बाहर निकलना शुरू हो गया। वो दोनों पाइप के रास्ते ऊपर की मंज़िलों में पहुंचे और भीड़ में छिपकर भाग निकले।
जेम्स को जो बॉक्स मिला था, वो नकली निकला। असली बॉक्स टीम ने पहले ही बदल दिया था। असली खजाने की लोकेशन थी – बैंक ऑफ इंग्लैंड।
नया मिशन – अगला पड़ाव
अब टीम अगले मिशन की प्लानिंग कर रही है – अगला टारगेट है इंग्लैंड का सबसे बड़ा बैंक और शायद इससे भी खतरनाक सिक्योरिटी सिस्टम।
निष्कर्ष
ये कहानी सिर्फ एक चोरी की नहीं, बल्कि एक प्लानिंग, टेक्नोलॉजी, टीम वर्क और दिमाग की जीत की है। टॉम जैसा कैरेक्टर हमें ये सिखाता है कि असली ताकत बंदूक में नहीं, दिमाग में होती है।
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